Monday, March 30, 2015

मेरे चचाजान ने जबरन सेक्स किया

मेरा नाम नफ़ीसा है, मेरी उम्र अब 21 साल है। जब मेरी उम्र काफ़ी कम थी तब से मैं अपने चचाजान से बहुत डरती थी क्योंकि मेरे चचाजान मेरे साथ पता नहीं क्या क्या करकतें करते थे।

तब मैं चचा को देखकर अपनी अम्मी से चिपट जाती थी।

मेरी अम्मी कुछ नहीं समझ पाती थीं।

वे मेरे चचा को सुनाते हुए कहती थीं कि भतीजी को प्यार नहीं करेंगे तो डरेगी ही। नफ़ीसा क्यों आपकी गोद में जाएगी?

उस वक्त मैं कुछ सोच नहीं पाती थी कि अपनी अम्मी से क्या बताऊँ?

मैं तो बस सहमी हुई चुप ही रह जाती थी।

मैं दर से अपने चाचा की तरफ देख भी नहीं पाती थी।

पर चाचा के जाते ही मैं राहत की सांस लेती थी और शान्त हो जाती थी।

उस वक्त मुझे ऐसा लगता था कि मैं बच्ची नहीं हूँ।


मेरे चचा जिस तरीके से मुझे छूते थे, उनके गन्दे इरादों को भांपना मुश्किल नहीं था।

उनकी वही हरकतें लगातार जारी रहीं।

अब वो टॉफी लेकर आने लगे और मुझे जबरदस्ती अपनी गोद में बैठा कर टॉफी थमा देते थे, मुझे मेरे गालों पर चूमते और पीछे गलत जगह मसलते थे।

एक बार मैं ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ती थी, हमारे पड़ोस में एक निकाह में मेरे घर वाले शरीक हुए थे।
मैं भी तैयार होकर जाने वाली थी।

जैसे ही घर से निकलने को हुई कि मेरे चाचा ने मुझे पकड़ लिया।
मैं कुछ बोल पाती कि उन्होंने मेरा मुँह बंद कर चुप करा दिया।

फिर जो उन्होंने किया, मैं किसी को बता नहीं सकती।

मन तो बहुत किया कि उसी वक्त चीख चीख कर सबको सबकुछ बता दूँ।

बता दूँ घर में भी बेटी की लाज़ सुरक्षित नहीं है, घर में भी हवसी दरिंदे बैठे हैं।

लेकिन मुझे अपनी इज्जत से ज्यादा तो घरवालों की इज्जत की पड़ी थी।

तब तक तो जहन में ऐसी ही बात थी।

मैंने अपने दर्द और जख्मों को खुद में समेटते हुए खामोशी की चादर ओढ़ ली।

इसके बाद उस चचा ने फिर कई बार कोशिश की लेकिन हर बार मैंने उसे हिम्मत जुटा कह दिया कि अब दुबारा कुछ करने की कोशिश की तो या तो तू जिंदा रहेगा या फ़िर मैं।
फिर उसने ऐसी हरकत की कोशिशें छोड़ दी।

पर अब वो जिन्दा था लेकिन मैं मर गई थी।
मेरे अन्दर की तमन्नाएँ, अरमान यहाँ तक कि जीने की चाह तक मर गई थी।

वह कमीना अब भी मेरे घर वैसे ही आता था, मेरी अम्मी से वैसे ही बात करता था, अब्बू से वैसे ही मिलता था।
मानो उसने कुछ गलत किया ही नहीं।

वह आता तो जैसे मैं खुद को अपराधी महसूस करती।

अब मैं 21 साल की हो चुकी हूँ।

अब्बू मेरे निकाह के लिए लड़का ढूंढ रहे हैं।
अब्बू के साथ वह कमीना भी जाता है।

सच में मैं उस हादसे से खुद को बाहर नहीं निकाल पा रही हूँ क्योंकि वह बेशर्म अक्सर मेरी नजर के सामने आ जाता है।

मेरे घर वाले उसे अपना हमदर्द मान कर बात करते हैं।

अब आप ही बताएँ मुझे ऐसी हालत में क्या करना चाहिए मुझे?
क्या मैं अपने अम्मी अब्बू को यह सब बता दूँ? क्या वो मेरी बात को सच मानेंगे?

No comments:

Post a Comment

मामी की रसभरी चूत चोद कर मज़ा आ गया

This summary is not available. Please click here to view the post.