Wednesday, February 17, 2016

मामी की रसभरी चूत चोद कर मज़ा आ गया

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मामी की चूत की याद

दोस्तो यह कहानी मेरे और मेरी दूर की मामी के साथ की है, उसका नाम सुषमा है.. उसकी उम्र 35 की है.. लेकिन वो दिखने मैं सिर्फ 25 की लगती है। क्या झकास माल है यार.. जो भी देखे.. वो उसे चोदने की सोचने लगेगा।

एक बार छुट्टी के दिनों में मैं उसके घर गया था। उस वक्त ठंड का मौसम चल रहा था। मेरी मामी के दो बेटे हैं एक 17 का और एक 15 साल का है वे दोनों अभी स्कूल में पढ़ते हैं।
मैंने उनके घर जाकर उनके बारे में पूछा तो मामी बोली- वो दोनों अपनी छुटियों में घूमने गए हैं।
उस वक्त मामा काम पर गए थे। मैं उनके यहाँ कुछ दिन रुकने गया था।

एक दिन मैं सुबह 4 बजे पेशाब करने उठा.. तो मामा और मामी आराम से सो रहे थे।

मैंने जो देखा उससे मेरी नींद उड़ गई थी, मैंने देखा कि मामी की साड़ी उठ कर उसकी जांघ नंगी हो गई थी। यह देख कर मेरा तो बुरा हाल हो गया था.. तभी पहली बार मेरे मन में मामी को लेकर खराब विचार आए थे। मैं बाथरूम चला गया और वहाँ जाकर मुठ्ठ मारी.. तब कुछ शान्ति मिली.. फिर मैं वापस आकर लेट गया।

मामी की जांघ देखने के बाद मेरी नींद उड़ गई थी, मुझे रात में नींद ही नहीं आई। मैं तो अपने मन में मामी को चोदने का प्लान बना रहा था। मेरे और मामी के बीच मज़ाक-मस्ती कुछ ज़्यादा ही होती रहती थी।
दिन भर यूं ही सोचता रहा.. ऐसे ही रात हो गई।

तभी शाम को मामा ने घर आकर बताया कि वो 5 दिनों के लिए ऑफिस के काम से बाहर जा रहे हैं.. तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगे.. लेकिन मैं भी दिखावे के लिए बोला- मैं भी कल वापस जा रहा हूँ।
तो मामा बोले- तुम मेरे आने तक यहीं रुक जाओ.. क्योंकि घर का ध्यान रखने के लिए एक से दो ठीक रहेंगे… और तेरी मामी को भी अकेला नहीं लगेगा।

उन्होंने एक ही बार कहा और मैं मान गया.. फिर सब सो गए।

सुबह मैं उठा.. तो मामा जा चुके थे और मामी रसोई में नाश्ता बना रही थी। मैं हॉल में बैठ कर मामी को देख रहा था.. उनकी उठी हुई गाण्ड देख कर मेरा बुरा हाल हो रहा था।

आखिर मुझसे रहा नहीं गया और फिर मैं रसोई में चला गया, मैं उसको पीछे से पकड़ कर बोला- मैं मदद करूँ मामी?
मेरा पूरा लौड़ा उसकी गाण्ड की दरार में रगड़ने लगा था.. तो वो उसे मज़ाक समझीं और बोली- नहीं रहने दे..
उन्होंने मुझे नाश्ता दिया और अपने काम में लग गई।

मैं उनको चोदने का बार-बार प्लान बनाता रहा। रात का खाना खाने के बाद हम सोने चले गए। हम गद्दा लगा कर सो रहे थे। हम दोनों में थोड़ी दूरी थी।
मुझे नींद नहीं आ रही थी, मैंने देखा कि मामी सो रही थीं, मैंने अपना गद्दा उसके गद्दे की ओर सरकाया.. फिर लेट गया।
थोड़ी देर के बाद मैंने धीरे से करवट करके खुद को उसके नजदीक किया और एकदम उसके पास हो गया। मैं उसकी चादर में घुस गया और उसके पीछे से उसकी गाण्ड में अपना लौड़ा रगड़ने लगा। वो गहरी नींद में सो रही थी।

कुछ देर बाद वो जागी तो देखा कि मैं उसके साथ चिपका हुआ हूँ।
वो कुछ नहीं बोली और मुँह फेर कर सो गई। मेरी हिम्मत बढ़ी.. और मैं फिर से अपने काम पर लग गया।
तो मामी बोली- यही करते रहोगे या फिर कुछ आगे भी करोगे?

मैं तो एकदम से हड़बड़ा गया.. फिर मामी मेरी तरफ़ घूमी और मेरा लौड़ा हाथ में लेकर बोली- तुम्हारा तो कितना मोटा और बड़ा है रे.. मामा तेरे का तो इससे बहुत छोटा और पतला है..
मैं अब सब समझ चुका था और मैंने मामी को अपनी तरफ खींच लिया, मामी के होंठों पर अपने होंठों को रख दिए और उसको मस्ती से चूमने लगा।
वो भी मेरा साथ देने लगी।

बाद में मैं उसके मम्मे ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा और फिर बटन खोल कर उसके चूचे चूसने लगा। धीरे-धीरे मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए और मैंने खुद के भी सारे कपड़े उतार दिए।

अब हम दोनों एक-दूसरे के गुप्तांगों से खेलने लगे। थोड़ी देर मामी बोली- बस अब जल्दी से अपना लौड़ा मेरी चूत में डाल दे।
मैं मामी के ऊपर सवार हो गया और उसकी चूत में अपना सुपारा घुसेड़ दिया।
वो ‘अहह.. अहह..’ की आवाजें निकालने लगी।

मैंने एक तगड़ा झटका दिया और मेरा आधा लौड़ा उसकी चूत घुस गया।
मामी चिल्लाई- उई… मार डाला.. तूने तो..


मैं उसे किस करने लगा और फिर धीरे से एक और झटका मारा.. और इस बार पूरा 7 इंच ला लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया। अब मैं उसे धीरे-धीरे ठोकने लगा।

फिर मामी भी मुझे नीचे से अपनी गाण्ड उठाकर मेरा साथ देने लगी। करीब 5-7 मिनट बाद उसने मुझे जोर से पकड़ लिया और इठते हुए कहा- आह्ह.. मैं झड़ने वाली हूँ.. चोद.. साले.. आह्ह..

मैंने अभी दो धक्के और मारे होंगे कि वो झड़ गई लेकिन मैं तो उसे चोदता ही रहा। लगभग 5 मिनट बाद मेरा भी पानी निकल गया।
मैंने अपना माल उसकी चूत में ही डाल दिया।

बस अब मेरी और मामी की चुदम-चुदाई खुल कर होने लगी, मामा के आने तक रोज हम एक-दूसरे को खूब चोदते रहे और फिर मैं अपने गाँव आ गया।
मामी की चूत को याद करके आज भी मुठ्ठ मार लेता हूँ।

मेरी बुवा की लड़की मेरे लौड़े की दीवानी

दोस्तो यह कहानी मेरी और मेरी फुफेरी बहन की है। फुफेरी बहन यानि कि मेरी बुआ की बेटी.. उसने लगभग एक सप्ताह पहले ही अपनी जवानी की ओर पहला कदम बढ़ाया था.. मेरा मतलब है कि उसने अभी ही 18 वर्ष की आयु पूरी की थी।
उसका फिगर लाजवाब था.. यही कोई 32-24-34 का भरा हुआ जिस्म था। उसकी जवानी देख कर ही मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था।

एक दिन मेरी बुआ जी का फ़ोन आया कि डॉली हमारे यहाँ गर्मी की छुट्टियों में आना चाहती है.. पर उसे लेने के लिए किसी को आना होगा।
जैसे ही मम्मी ने मुझ से ये बताया.. मैं तैयार हो गया और दोस्त से उसकी बाइक उधार लेकर बुआ की बेटी को लेने चला गया।
उसी दिन शाम को मैं उसे लेकर अपने घर वापस पहुँच गया।

शाम को डॉली ने ही खाना बनाया। फिर खाना के बाद सभी लोग मम्मी.. भाई.. दादी सोने की तैयारी करने लगे।
मेरे पापा जी अपने व्यापार के चक्कर में अक्सर शहर से बाहर ही रहते है।

गर्मियों के दिन थे.. सभी लोग अलग-अलग जगह सो गए.. कोई छत पर.. कोई बरामदे में.. तो कोई घर के खुले आंगन में..
रात को करीब 1 बजे मेरी नींद खुली.. तो देखा डॉली कमरे में अकेली सोई हुई है.. और कमरे का दरवाजा खुला हुआ था।

मैंने देखा कि डॉली का सूट कुछ पेट से ऊपर तक उठा हुआ है। उसका गोरा चिकना बदन देख कर मेरा मन उसे चूमने को हुआ.. मैं उसके कुछ और करीब गया.. तो देखा कि ऊपर से उसके गोल-गोल उभार बड़े ही मस्त दिख रहे थे। दोस्तों आप यह कहानी hskworld.blogspot.in पर पढ़ रहे है |
उसके मस्त मम्मे देख कर तो मानो मेरे दिल में उन्हें पकड़ने के लिए सैलाब सा उठ रहा था पर डॉली बड़े कड़क स्वभाव की थी.. तो पास जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी।

फिर मैंने इधर-उधर देखा.. सब सोये हुए थे। मैं धीरे से कमरे में और अन्दर गया और कमरे का दरवाजा बंद कर दिया.. लाइट भी बंद कर दी और बिस्तर पर उसके पास में ही लेट गया।
कुछ देर इन्तजार करने के बाद मैंने अपनी मर्दानगी को ललकारा और धीरे से उसके उभार पर हाथ रख दिया।

हाथ रखते ही मेरे पूरे बदन में एक लहर से दौड़ गई.. दो मिनट इन्तजार के बाद मैंने अपने हाथ में थोड़ी से हरकत शुरू की.. डॉली सोई हुई थी या नाटक कर रही थी.. पता नहीं.. पर मेरी हिम्मत जरूर बढ़ गई थी। अब मैं डॉली को बिना चोदे नहीं छोड़ना चाहता था.. तो मैं अपनी हरकतों में थोड़ा सा इजाफा करते हुए उसके उभारों को थोड़ा जोर-जोर से दबाने लगा।
सके बाद भी मुझे उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.. तो मैंने उसके सूट में अन्दर हाथ डाल दिया और चूचे दबाने लगा।

अब मैं समझ गया था कि डॉली भी मुझसे चुदवाना चाहती है.. पर मुझसे छोटी होने और मेरी बहन होने की वजह से शरमा रही है।
मैंने देर न करते हुए उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया.. वो अभी भी कोई प्रतिक्रिया नहीं कर रही थी।
मैं उसके चूचे जोर-जोर से मसल रहा था और होंठों का रस पान भी कर रहा था। वो केवल सिसकारियों के सिवाय कोई प्रतिक्रिया नहीं कर रही थी।

अब मैंने एक हाथ उसकी सलवार में डाल दिया और उंगली से उसकी चूत टटोलने लगा और चूत के ऊपरी भाग को सहलाने लगा।  दोस्तों आप यह कहानी hskworld.blogspot.in पर पढ़ रहे है |
कुछ देर सहलाने के बाद मुझे अहसास हुआ कि जैसे उसके जिस्म में कोई हरकत हुई.. जैसे ही मैंने उसकी चूत से ध्यान हटाया.. तो पाया कि उसका हाथ मेरे 7″ के लौड़े को सहला रहा है। मेरा लौड़ा लोहे की रॉड की तरह सख्त और बिलकुल गरम हो रहा था।

तभी मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी.. वो चिहुँक उठी। मैंने भी उंगली अन्दर-बाहर चलानी शुरू कर दी.. तो वो भी जोर-जोर से मेरे लण्ड के सुपारे को ऊपर-नीचे करने लगी।


कुछ ही मिनटों में उसकी चूत पानी छोड़ गई।
अब उसकी चूत में से पानी निकलने लगा था और मेरा पूरी उंगली उसमें भीग गई थी। उसने धीरे से मेरे कान में कहा- भैया.. अब तो चोद दो।

मैंने तुरंत उसकी सलवार नीचे करके उसकी गरम चूत पर अपना लौड़ा रख दिया। उसने नीचे से गाण्ड उठा कर नाकाम कोशिश की। फिर मैंने टेबल से उठा कर थोड़ा सा सरसों का तेल उसकी चूत पर भी और लौड़े पर भी लगाया और एकदम से उसकी बुर के छेद पर लौड़ा टिका दिया।

लण्ड निशाने पर रखते ही मैंने उसकी चूत के द्वार पर जोर से एक धक्का मारा.. लगभग आधा लण्ड उसकी चूत में उतर गया था। उसकी चीख निकल गई। मैंने तुरंत उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा।
कुछ देर यही सिलसिला चलता रहा.. वो भी कुछ नॉर्मल होने लगी और मेरा साथ देने लगी।
फिर मैंने 2-3 धक्कों में बाकी बचे हुए लण्ड महाराज को भी धीरे-धीरे उसकी चूत में दाखिल किया और धीरे-धीरे धक्कों की बौछार शुरू की।  दोस्तों आप यह कहानी hskworld.blogspot.in पर पढ़ रहे है |

अब डॉली भी गाण्ड उठा-उठा कर जोर लगा रही थी। करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ स्खलित हो गए।  दोस्तों आप यह कहानी hskworld.blogspot.in पर पढ़ रहे है |
हम दोनों थक चुके थे लेकिन हमारा उत्साह बढ़ चुका था। कुछ देर बाद अलग होकर अपनी अपनी जगह जाकर सो गए।

वो करीब 22 दिन हमारे यहाँ पर रही और मैंने उसे घर के हर कोने में रोज मौका मिलते ही चोदा। आज उसकी शादी हो चुकी है.. पर जब भी मौका मिलता है हम खूब मस्ती करते हैं।

मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी चूत फाड़ दी

हाय दोस्तो, मेरा नाम डॉली शर्मा है.. मैं 26 साल की हूँ आज मेरा फिगर 32-30-34 का है.. बहुत से लड़के मुझ पर आज भी मरते हैं..उस वक्त मेरा गोरा बदन.. 28-24-28 का मोहक फिगर.. उम्र 20 की थी, मेरा पूरा बदन भरा-पूरा था, मेरे काले घने बाल लेकिन छोटे बहुत से लड़के मुझ पर मरते हैं.. बाकी लड़कों के साथ मेरे पड़ोस में ब्यूटी पार्लर वाली आंटी का लड़का भी था। मैं 12वीं क्लास में पढ़ती हूँ और मेरी आंटी का लड़का राजराग भी मेरे साथ मेरे स्कूल में ही 12वीं क्लास में पढ़ता है, स्कूल की बहुत सी लड़कियाँ उस पर मरती हैं।
मैं उसे राज कह कर बुलाती हूँ और हम दोनों साथ ही स्कूल जाते हैं, इस तरह लगभग सारा समय इकट्ठे ही बिताते है। हम दोनों अच्छे दोस्त थे.. इस वजह से राज अक्सर हमारे घर आता-जाता था।
एक दिन मेरे-स्कूल में बायो का प्रैक्टिकल चल रहा था। मैं और मेरी फ्रेण्ड रोशनी साथ में ही थे। यह मेरे इम्तिहानों का फाइनल वाला प्रैक्टिकल था।
मैं और रोशनी अपनी ही मस्ती में थे, हम दोनों मेंढक के नीचे वाले अंग देख रहे थे। ओहह.. अब आप से क्या छुपाना.. मैं और रोशनी मेंढक के पप्पू महाराज के दीदार कर रहे थे।
तभी रोशनी ने कहा- इतने से लण्ड से क्या करता होगा मेंढक?
मेरे मुँह से निकल पड़ा- उसकी मेंढकी से जा कर पूछ.. जिसकी चुनमुनिया में ये जाता है.. वो ही बताएगी।
इस बात को उसके ब्वॉय-फ्रेण्ड ने सुन ली और वो हमारे पास आकर बोला- डॉली तुम्हारा तो पता नहीं पर.. रोशनी को सब पता है कि कैसा मज़ा आता है।
मैं यह सुन कर थोड़ी सी भौंचक्की रह गई।
बाद में रोशनी ने मुझे बताया कि वो उसके साथ चुदाई का मज़ा ले चुकी है और वो भी स्कूल में ही चुदी थी।
मैं उसकी बात सुन कर गर्म हो चुकी थी और मेरा मन कर रहा था कि कोई आकर मेरी भी चुनमुनिया में अपना लण्ड डाल दे..
पता नहीं इस ख़याल में मेरा हाथ पता नहीं कब चुनमुनिया पर चला गया.. और मैं उसको सहलाने लगी।
उस वक्त मेरी मुन्नी पर बाल थे..
तभी रोशनी ने मुझको बोला- चल तुझको ठंडी कर देती हूँ।
मैं मना किया.. लेकिन वो मानी नहीं और मुझे टॉयलेट में ले गई।
उस वक्त वहाँ कोई नहीं था.. क्योंकि स्कूल की छुट्टी हो चुकी थी।
मैं वहाँ गई.. तो उसने जाते ही मेरी पैन्टी और सलवार एक झटके में उतार दिया। मैं हैरान थी कि वो करना क्या वाली है। उसके बाद वो मेरी मुन्नी को सहलाने लगी.. कभी वो अपनी उंगली मेरी चुनमुनिया में अन्दर कर दी.. कभी बाहर..
मैं अपने होश में नहीं थी.. पर मुझे मज़ा आ रहा था।
बस 5 मिनट में ही मेरी मुन्नी ने पानी छोड़ दिया और रोशनी ने अपने रूमाल से मेरी मुन्नी को साफ़ किया।
उसके बाद बोली- चुनमुनिया की सफाई नहीं करती है क्या?
मैंने कहा- रोज़ तो नहाती हूँ.. और साबुन से रोज चुनमुनिया साफ़ करती हूँ।
वो बोली- पागल बचपन वाली सफाई नहीं.. बड़ी वाली।
मैं समझी नहीं कि वो कहना क्या चाहती है।
उसने बोला- तू ऐसे ही खड़ी रह और अपनी आँखें बंद कर ले।
जैसा वो बोली.. मैंने किया.. तभी मुझे लगा कि मेरी चुनमुनिया पर कुछ चल रहा है.. लेकिन मैं देख नहीं पाई.. क्योंकि उसने मेरी आँखों पर रूमाल बाँध दिया था।
मैंने रूमाल हटाया तो देखा.. मेरी मुन्नी का वो आधा मुंडन कर चुकी है।
मैंने उससे बोला- क्या कर रही है..?
बोली- तेरी मुन्नी को बड़ा बना रही हूँ।
कुछ ही देर में उसने मेरी मुन्नी को पूरी तरह से गंजा कर दिया। पहली बार मैंने अपनी चुनमुनिया को बिना बालों के देखा था। बहुत प्यारी लग रही थी। उसके बाद वो और मैं क्लास में वापस आ गए।
प्रैक्टिकल हुआ और सब घर जाने को रेडी हो गए.. मैं.. राज.. रोशनी और उस का ब्वॉय-फ्रेण्ड ही रह गए थे।
रोशनी बोली- डॉली तुम जाओ.. मैं थोड़ा सा लेट आऊँगी।
मैं समझ गई.. और बोला- ठीक है..
उसके बाद मैं ओर राज जाने लगे कि तभी राज को कुछ काम याद आ गया, वो बोला- डॉली तुम चलो.. मैं अभी आता हूँ… मुझे कुछ काम है।
मैंने बोला- ठीक है।
मैं चलने लगी.. तभी मुझे रोशनी की याद आई कि देखना चाहिए कि वो वहाँ कर क्या रही है?
मैंने सोचा वापस जा कर देखती हूँ कि माज़रा क्या है।
मैं वापस स्कूल में गई.. सब जगह देखा.. पर मुझे वो दोनों नहीं दिखे।
मैं वापस आने लगी.. तभी कुछ ‘खुस्स फुस्स’ की आवाजें आ रही थी- आराम से डालो.. आह्ह.. मैं मर जाऊँगी.. आह्ह..
मैंने वापस जाकर देखा कि रोशनी पूरी नंगी थी और जय रोशनी का ब्वॉय-फ्रेण्ड भी नंगा था। रोशनी उसकी गोद में बैठी थी.. और पागलों की तरह उछल रही थी।
उन दोनों को कुछ भी होश नहीं था कि मैं भी यहाँ हूँ।
दस मिनट तक वो उसकी गोद में मज़े ले रही थी। उसके बाद रोशनी उसके कान में कुछ बोली तो जय ने उसको गोद से उतार कर बड़े वाले डेस्क पर ले गया और वहाँ लिटा दिया। उसके बाद जय अपना लौड़ा उसकी चुनमुनिया में डालने लगा।
इस चुदाई को देख कर मैं भी पागल हो गई थी.. ये क्योंकि पहली बार था जब मैंने किसी लड़के का लौड़ा रियल में देखा था… वो भी अपनी बेस्ट फ्रेण्ड की चुदाई करते हुए।
उसके बाद जय रोशनी के ऊपर चढ़ गया और तेज-तेज झटके देने लगा। रोशनी पागलों की तरह.. कभी किस करती.. कभी अपने चुचों को दबाती.. कभी कुछ करती..
जय ने अपना लण्ड आराम से निकाला और एकदम से उसकी गाण्ड में डाल दिया।
रोशनी उसके लिए रेडी नहीं थी.. वो चिल्लाई.. लेकिन जय ने उसका मुँह बंद कर दिया और पूरा लौड़ा उसकी गाण्ड में डाल दिया।
रोशनी अब भी मज़े ले रही थी.. थोड़ी देर बाद वो दोनों झड़ गए और कपड़े पहनने लगे।
मैं भी वापस जाने के लिए जैसे ही मुड़ी.. तो मैंने देखा कि मेरे पीछे राज खड़ा था और उसकी पैन्ट आगे से गीली और ऊपर को उठी हुई थी।
मैंने उसको हटाना चाहा.. तो बोला- डॉली.. तुम ऐसी होगी.. मैं सोच नहीं सकता था।
उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और उसी कमरे में अन्दर ले गया.. जहाँ रोशनी की चुदाई चल रही थी।
थोड़ी देर हमारी बहस हुई तो पता चला कि यह इन तीनों का प्लान था कि मेरी और राज की भी चुदाई करवा ही दी जाए।
मैं ये सुन कर हैरान थी कि मेरी बेस्ट फ्रेण्ड ही मेरी ठुकाई की तैयारी करवा रही थी।
मैंने मना कर दिया- मुझको ऐसा कुछ नहीं करना है..
लेकिन राज ने मेरा हाथ पकड़ लिया- आई लव यू.. मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ।
मेरे होंठों को चूसने लगा..
तो मैंने कहा- नहीं राज.. ये सब ग़लत है.. तुम मेरे फ्रेंड हो..
राज ने मेरे कंधे हाथ रख दिया और कहने लगा- देखो डॉली मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ.. और जैसे-जैसे तुम जवान हो रही हो.. मैं तुम्हें और भी प्यार करना चाहता हूँ।
उसने मेरे गाल पर एक चुम्बन कर दिया.. मैं शर्मा गई और मैंने कहा- राज प्यार तो मैं भी तुमसे करती हूँ.. पर अगर किसी को पता चल गया.. तो बहुत बुरा होगा।
राज बोला- अरे किसी को कुछ पता नहीं चलेगा..
मैं तो वैसे ही रोशनी की चुदाई देख कर गर्म हो चुकी थी… मैंने ज्यादा नाटक नहीं किया।
फिर उसने धीरे से अपने हाथ मेरे चुचों पर रख दिया और कहा- डॉली मैं इनका रस पीना चाहता हूँ।
उसने मेरे शर्ट को ऊपर कर दिया। आगे कुछ और होता.. इससे पहले वहाँ से रोशनी और जय चले गए थे।
रोशनी मेरे हाथ में जाने से पहले कन्डोम का पैकेट दे कर हँसते हुई बोली- हैपी फकिंग डे..
मैं भी हँस पड़ी थी।
उसके बाद राज ने मेरी कमर में अपना हाथ डाल दिया, अब मैं भी गर्म हो गई थी, राज मेरे चुचों को ब्रा के ऊपर दबाने लगा.. वो बेरहमी से चुचों को मसल रहा था।
एक साथ दोनों चुचों को बुरी तरह मसलने से मैं एकदम से चुदासी हो उठी। राज ने मेरे गुलाबी होंठों पर अपने होंठों को रख दिए और उन्हें बुरी तरह चूसने लगे।
वो मुझे पागलों की तरह चूमने लगा था। अब उसने मेरे कपड़े उतारना शुरू किए.. पहले मेरी कमीज़ निकाली.. फिर मेरी सलवार खींच दी।
अब मैं सिर्फ पैन्टी और ब्रा में थी। फिर राज ने मेरी ब्रा भी निकाल दी और वो मेरे तने हुए चुचों को चूमने-चाटने लगा।
राज के साथ ये करते हुए बहुत सेक्सी लग रहा था..
मैं अपने दोस्त के साथ नंगी थी, राज मेरे चुचों को मुँह में पूरा भर के चूस रहा था और अपने एक हाथ से मेरी चुनमुनिया को भी सहला रहा था।
फिर थोड़ी देर बाद राज ने मेरी अनछुई चिकनी-चिकनी जाँघें चूम लीं.. मैं सिहर उठी।
राज पागलों की तरह मेरी जाँघों को अपने मुँह से सहला रहा था और चूम रहा था। फिर हौले से राज ने मेरी पैन्टी भी निकाल दी।
मेरी बिना बालों वाली अधखिली गोरी गुलाबी चुनमुनिया को देखते ही वो एकदम से चकित रह गया और बोला- रोशनी शेव अच्छी करती है।
मैं हँस दी..
उसने मुझको बोला- रोशनी को मैंने ही बोला था कि तेरी मुन्नी का मुंडन कर दे।
राज ने मेरे पूरी चुनमुनिया हाथ में थाम ली और मेरी पूरी चुनमुनिया को दबा दिया।
चुनमुनिया को सहलाता हुआ राज बोला- हाय डॉली.. मेरी जान.. क्या चीज़ है तू.. क्या मस्त माल है.. हहमम्म ससस्स हहा..
राज ने अन्दर तक मुँह डाल कर मेरी जाँघें बड़े प्यार से चूमी और सहलाते हुए मेरी जाँघों को फैला दिया..
अब वो मेरी चुनमुनिया को बुरी तरह मसलने लगा, मुझे बहुत मज़ा आने लगा.. मैं सिसकारी भरने लगी..
राज और जोश में चुनमुनिया को मसलने लगा.. उसने मसल-मसल कर मेरी चुनमुनिया लाल कर दी थी।
उसके इस तरह से रगड़ने से मेरी मुन्नी 2-3 बार झड़ चुकी थी, बहुत गीला हो गया था, राज के हाथ भी गीले हो गए थे.. सारा पानी निकल बाहर रहा था, मैं निढाल हो रही थी।
फिर राज ने मेरी चुनमुनिया की दोनों फांकों पर होंठ रख दिए और मेरी कसी हुई चुनमुनिया के होंठों को अपने होंठों से दबा कर बुरी तरह चूसने लगा।
मैं तो बस कसमसाती रह गई.. मैं तड़पती मचलती हुई ‘आआहह.. आअहह.. राज.. राज.. हाय.. उईईइ.. आहह..’ कहती रही और राज चूस-चूस कर मेरी अधपकी जवानी का रस पीता गया।
बड़ी देर तक मेरी चुनमुनिया की चुसाई की, मैं पागल हो गई थी।
तभी राज ने अपने कपड़े उतारे और खुद नंगे हो गया और उसका लंड फड़फड़ा उठा.. करीब 7 या 8 इंच का लोहे जैसा सरिया था। मैंने कहा- राज.. यह तो बहुत बड़ा और मोटा है.. ये मेरी चुनमुनिया में नहीं जा पाएगा।
तो राज ने कहा- डॉली तू फिकर मत कर.. फिर मैं तेरे से प्यार करता हूँ.. तुझे कुछ नहीं होने दूँगा।
उसने अपना लंड मेरी चुनमुनिया की तरफ बढ़ाया… तभी राज बोला- डॉली.. कन्डोम तो दे.. जो रोशनी ने जाते समय तुमको दिया था।
मुझ याद ही नहीं था कि इसकी भी जरूरत पड़ेगी। मैंने अपने हाथों से कन्डोम राज के लण्ड पर लगाया और सहलाने लगी।
उसके बाद राज ने मुझको डेस्क पर आराम से लिटा दिया। मैं सोच रही थी जो हालत अभी रोशनी की थी.. अब मेरी होने वाली है।
राज के लंड के टच करते ही मेरी चुनमुनिया ने पानी छोड़ दिया। मैं बुरी तरह तड़प रही थी।
राज 5 मिनट तक मेरी चुनमुनिया को अपने लंड से सहलाता रहा.. फिर उसने मेरी चुनमुनिया पर हल्का सा ज़ोर लगाया.. तो मेरी चीख निकल गई। उसका लंड अन्दर नहीं जा रहा था।
राज ने कहा- थोड़ा दर्द होगा.. लेकिन फिर ठीक हो जाएगा।
मैंने मंत्रमुग्ध कहा- ओके.. लेकिन राज प्लीज़ आराम से करना।
राज ने ज़ोर से अन्दर डाला.. तो उसका आधा लंड मेरे अन्दर कोई चीज़ तोड़ते हुए अन्दर घुसता चला गया।
मेरी आँखों में आँसू आ गए- आह.. मैं मर जाऊँगी राज.. प्लीज़ निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है.. आह ओफ… ममाआ..
यह कहते हुए मैं उससे गिड़गिड़ाने लगी.. पर वो नहीं माना और उसने मेरे होंठों पर अपने होंठों लगा दिए।
वो मेरे होंठों को चूसने लगा और अपने लौड़े को मेरी चुनमुनिया में ऐसे ही डाले रखा।
मेरी चुनमुनिया से खून निकल रहा था और मैं बुरी तरह तड़प रही थी।
वो कहने लगा- तू मेरे लिए थोड़ा सहन कर ले प्लीज़।
मैंने हल्के स्वर में कहा- राज आपके लिए तो मैं कुछ भी कर सकती हूँ।
फिर राज ने एक जोरदार झटका मारा और उसका पूरा लंड मेरी चुनमुनिया में जड़ तक घुस गया।
मैं सिहर उठी और ‘आह.. ओह्ह.. राज मैं मर गई..’ कहने लगी।
राज मुझे तसल्ली देता रहा और 5 मिनट तक मेरे ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा, वो मेरे दूध चूसता रहा।
लगभग 5 मिनट बाद उसने धीरे-धीरे झटके मारना शुरू किए।
मैं- आह्ह.. राज.. मज़ा आ रहा है…
इस बीच मैं 2 बार झड़ चुकी थी और वो यूँ ही मेरे होंठों को चूसता हुआ मुझे चोदता रहा।
लगभग 10 मिनट बाद राज ने अपना सारा माल मेरी चुनमुनिया में ही छोड़ दिया।
हम लेट गए.. मेरी चुनमुनिया पानी और खून छोड़ती हुई बुरी तरह फड़फड़ा रही थी, मेरी चुनमुनिया का हाल-बेहाल हो चुका था।
कुछ देर बाद राज ने मेरी चुनमुनिया को साफ़ किया और फिर से चूसने लगा।
थोड़ी देर में राज का लंड फिर से खड़ा हो गया।
राज ने मुझको लण्ड मुँह में लेने के लिए कहा पर मैंने मुँह में नहीं डाला और उसे किस करने लगी। पर राज के बहुत बार कहने पर मैंने उसको मुँह में ले लिया। मुझे लण्ड का स्वाद कुछ अजीब सा लगा।
राज मुझसे कहने लगा- डॉली मुझे तो पता ही नहीं था कि मेरी फ्रेण्ड मुझसे इतना प्यार करती है।
उसके बाद हम ऐसे ही लेटे रहे। इतनी अधिक थकान थी कि मेरी तो उठने की भी हिम्मत नहीं थी। राज ने मेरी टाँगों की मालिश की और मुझको कपड़े पहनाए.. उसके बाद जब मैं पैदल नहीं चल पा रही थी तो उसने मुझको रिक्शे से मेरे घर पर छोड़ा।
उस के 1-2 हफ्ते तक मैंने उससे बात नहीं की.. मुझे लाज आ रही थी।
उसके बाद सब नॉर्मल हो गया।

मामी की चुदाई कर प्रेग्नेन्ट किया

मेरे मामा की शादी हुए दो साल हो चुके थे| पर दुख की बात ये थी की मामा-मामी को बच्चे नही हुए|
इस बात को लेकर ममी बहुत दुखी हुआ करती थी|
एक दिन सब लोग किसी काम से हैदराबाद चले गये| मेरी परीक्षाये थी इसलिए मै नही गया| और मामी भी मेरी देखभाल करने रुक गइ| घर पे सिर्फ हम दोनो ही थे|
मेरी मामी का फिगर बहुत सेक्सी था|
उस रात खाना खाने के बाद मै और मामी टीवी देखने लगे| मैने बातो-बातो मे ही पूछा, ”मामी! आपको अभी तक बच्चे क्यु नही हुए?”
पर वो चुप रही| थोडी देर बाद जब हम सोने जा रहे थे तो वो अचानक मेरा हाथ पकडकर रोने लगी| कारण पूछने पर उन्होने बताया कि मामाजी ना-मर्द है इसलिये उन्हे बच्चे नही हुए|
मुझे बहुत दुख हुआ| मैने उनसे पूछा कोई रासता है क्या| वो बोली ऑप्रेशन करना पडेगा| लेकिन उन्हे डर लग रहा था| दोस्तों आप यह कहानी hskworld.blogspot.in पर पढ़ रहे है |
फिर मैने उनसे पूछा कि मै कुछ मदद कर सकता हू क्या| मामी बिना कुछ बोले कमरे मे जाकर सो गइ| तो मै भी उनके बगल मे ही सो गया|
रात के एक भजे मेरी नीन्द खुली| मैने देखा कि मामी रो रही थी| मुझे उनका रोना देखा नही गया|
मै उनके पास गया, उनको गले लगाया|
वो बच्चो के लिये बेताब थी!
वो भी मुझे गले लगाकर पूछी, ”मुझे बच्चे चाहिये| क्या तुम मेरी मदद करोगे?”
मैने झट से हा बोल दिया!
फिर मैने पूछा मुझे क्या मदद करना होगा| तो वो बोली मुझे उनके साथ सेक्स करना पडेगा!
अरे वाह!!! क्या मौका हाथ लगा था|
मै अंदर ही अंदर खुशी से झूम रहा था!
फिर हम दोनो बिसतर पर लेट गए| मै उनके होंटो को चूमने लागा और वो भी मजा लेने लगी थी|
फिर मैं उनके गले पर, पीठ पर चूमता रहा। फिर मैंने उनकी कमीज़ पूरी उतार दी, जिससे उसका गोरा बदन, उसकी गुलाबी रंग की ब्रा मेरे सामने आ गई। यह सब देख कर मेरा लंड फटा जा रहा था। फिर मैंने उनके स्तनों को ब्रा के ऊपर से ही चूसना शुरु किया और अपने हाथों से उनकी ब्रा खोल दी। जैसे ही मैंने ब्रा खोली, वो दो बड़े-बड़े स्तन छलांग लगा कर मेरे सामने आ गए। मैंने हल्के से उन्हें अपने हाथों में पकड़ा और जोर से दबा दिया और साथ मे अपने दांतों से उसके चुचूकों को काटने लगा, जिसकी वजह से उनके मुँह से आह की जोर से आवाज निकली… दोस्तों आप यह कहानी hskworld.blogspot.in पर पढ़ रहे है |
फिर बहुत देर तक मैं उनके स्तन चूसता रहा…
फिर मैंने उनकी सलवार निकाल दी, उन्होने गुलाबी रंग की पैंटी पहनी थी जो अब आगे से भीग चुकी थी।
पहले तो मैंने उनकी पैंटी के आसपास अपनी जीभ घुमाई और फिर पैंटी के ऊपर जीभ घुमाने लगा। उन्हे बहुत अच्छा लग रहा था और वो मुँह से आह उम् ऊह्ह की आवाजें निकाल रही थी।
फिर मैंने अपने दांतों से पकड़ कर उनकी पैंटी निकाल दी और उनकी गीली गोरी चूत को देख कर पागल हो गया, मैंने अपनी जीभ जैसे ही उनकी चूत पर लगाई उन्होने मेरे बालों को खींच कर मुझे अपनी चूत के ऊपर दबा दिया और मुँह से सेक्सी आवाजें निकालने लगी।
मैंने बहुत बार ब्लू फिल्म में चूत को चाटते हुए देखा है लेकिन तब पहली बार ऐसा किया… मैं उनकी चूत को बहुत देर तक चूसता रहा। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में भी डाली और वो सेक्सी आवाजें निकालती गई…
फिर वो उठ गई और मेरा लंड बाहर निकाला और बिना हाथ लगाये सीधे मुँह में ले लिया। इतना अच्छा मुझे कभी नहीं लगा था… दोस्तों आप यह कहानी hskworld.blogspot.in पर पढ़ रहे है |
वो मेरे लण्ड को मुँह में लेकर वो अपने मुँह को ऊपर नीचे करने लगी …. यह मेरा पहला ही सेक्स अनुभव था इसलिए दो मिनट में मैंने उनके मुँह झड गया और वो उसे ऐसे पी गई जैसे पानी हो…
गजब की बात तो मुझे यह लगी कि झडने के बाद भी मेरा लंड खड़ा का खड़ा था और वो उसे चूसे जा रही थी। उन्होने कहा, “अब मुझसे और सहा नहीं जा रहा, जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो!”
और यह कहते हुए वो बिस्तर पर लेट गई और अपने पैर फैला दिए। उनकी चूत को देख कर मैं उनके ऊपर आ गया और उन्होने अपने हाथों से मेरा लंड अपनी चूत पर रख लिया। फिर मैं अपना लंड अचानक ही उनकी चूत में घुसा दिया जिससे वो चीख उठी, मेरा अभी आधा लंड ही उसकी चूत में था, मैंने और जोर लगाया और उनकी चूत में पूरा घुसा दिया, जैसे ही पूरा अन्दर गया वो मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए.. फिर मैं उसे उस अवस्था में तब तक चोदता रहा जब तक झड नही गया।
उस बीच मैंने उनके होंठों को बहुत चूसा और उन्हे भी यह बहुत अच्छा लगता था तो वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।
चोदते-चोदते मैं उनके स्तन और चुचूक भी जोर से दबा रहा था लेकिन चुम्बन की वजह से वो चीख भी नहीं पा रही थी बस मुँह में ही आवाज निकाल रही थी। कुछ देर बाद वो मुझे जोर से चोदने को कहने लगी तो मुझे पता चल गया कि वो झड्ने वाली है। दोस्तों आप यह कहानी hskworld.blogspot.in पर पढ़ रहे है |
मैं उसे जोर से चोदता रहा और उसने अपनी सांस रोक कर चूत मे ही झड गया।
सेक्स के बाद हम कपडे पेहेन लिये। फिर मामी ने कहा, ”इस बारे मे किसी को बताना मत।”
मै पागल हू जो किसी को बताउंगा???;););):)

बहन की चूत में जोरदार धक्का

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मामी की रसभरी चूत चोद कर मज़ा आ गया

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